Temples and Best food in Mathura part -1

Temple's in Mathura

रसखान ने एक बार कहा था, की अगर मेरा कोई पुनर्जन्म हो तो मैं बृज में ही हो। ये मुझे पहले समझ में नहीं आया लेकिन हम कुछ समय मैने मथुरा और वृंदावन में गुजारा तो मैं भी अगली बार बृज में ही पैदा होना चाहूंगा।
ऐसा क्या है बृज में आज हम वो बात करेंगे, आम तौर पे बृज सिर्फ और सिर्फ श्री कृष्ण के इर्दगिर्द बसा हुआ है। आप को जो मंदिर मिलेगे कृष्ण के, भोजन में जो श्री कृष्ण को पसंद था। और हर कण कण में सिर्फ और सिर्फ श्री कृष्ण ही विराजमान है, कही पे श्री राधा के स्वरूप में तो कही बालगोपाल के रूप में।
बृज और श्री कृष्ण शायद दो नहीं एक ही है। कृष्ण स्वरूपम ब्रिज, बृज रूपम कृष्णा।

अगर आप मथुरा आते है तो आप को २ ही चीजे मिलेगी
१. मंदिर
२. भोजन

वैसे तो भारत मंदिरों का देश है, लेकिन मथुरा के मंदिरों की बात अलग है मंदिर सिर्फ अच्छी बिल्डिंग से नहीं बनता बल्कि बनता है वहां के लोगों से। मैने मथुरा में देखा लोगों के जीवन का एक अंग है मंदिर। तो चलो आज स्टार्ट करते है अपनी यात्रा मथुरा के मंदिर और घाटों से।

१. यमुना आरती (विश्राम घाट)
२. द्वारिकाधीस मंदिर
३. श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर
४. कृष्ण जन्मभूमि मंदिर
५. श्री दाऊजी महाराज मंदिर

यमुना आरती :
अगर आप मथुरा में रुके हुए है तो सुबह 5:30 Am विश्राम घाट में यमुना की की आरती होती है। जो लगभग ३० मिनिट्स होती है।
अदभुत श्लोकों, घंटे,घड़ियाल के साथ ये आरती होती है, शायद इससे अच्छी सुबह नहीं हो सकती।
यमुना जो पानी का स्तर बहुत खराब है, तो नहाने से बचे, कोशिश करे कि अपने होटल या धर्मशाला जहां आप रुके है वहीं से नहा के जाए।
दर्शन का समय:
सुबह 05:15am To 06:00am

द्वारिकाधीस मंदिर:
जैसे ही यमुना जी की आरती खत्म होती है, वैसे ही आप वहां से निकल के द्वारिकाधीश मंदिर अजाए, लगभग 6 am ये मंदिर खुल जाता है, और मंगला आरती 6:30 Am पे स्टार्ट होती है। कोशिश कीजिए कि आप 6 am पर मंदिर में इंट्री कर ले। वहां पर मथुरा के रसिक लोग भगवान कृष्णा के मधुर गीतों को गाते है, डोल, नगाड़े, कंजड़िया, मज़ीरो के साथ। लगभग 7 am आरती खत्म होती है।

दर्शन का समय:
सुबह 08:00am To 11:00am
शाम 05:00am To 08:00pm

उसके बाद आप बेहतरीन नाश्ता कर सकते है, पास की दुकानों से या पास के ही छत्ता बाजार में भी बढ़िया नाश्ता कर सकते है। डिटेल्स आगे दी गई है पूरा लेख पड़े।

श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर :
ऐसा माना जाता है कि भूतेश्वर महादेव जी को श्री कृष्ण जी ने बृज का रक्षक नियुक्त किया था। आज भी मथुरा के लोग भूतेश्वर महादेव को अपना रक्षक मानते है।
रेलवे स्टेशन से इस मंदिर की दूरी लगभग ३ किलोमीटर है।

दर्शन का समय:
सुबह 05:00am To 01:00pm
शाम 04:30am To 10:30pm

कृष्ण जन्मभूमि मंदिर:
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर हिंदू धर्मावलंबी लोगो के लिए एक पवित्र एवं पूज्यनीय स्थान है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था।
श्री कृष्ण अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे, कंस ने इनके सभी भाई बहनों को जन्म लेते ही मार दिया था। मगर श्री कृष्ण को वासुदेव जी ने गोकुल में नन्द बाबा के यहां रातों रात पहुंचा कर उनकी कन्या से बदल दिया था।
कृष्ण जन्मभूमि को कई लुटेरों ने तोड़ा तथा लूटा था, अभी भी औरंगजेब द्वारा बनाई गई मस्जिद जो कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का हिस्सा है वहां उपस्थित है।

दर्शन का समय:
सुबह 06:300am To 08:00pm

श्री दाऊजी महाराज मंदिर:
अगर आप मथुरा वृंदावन श्री कृष्ण के दर्शन के लिए जाएं तो दाऊ जी मंदिर जो यमुना नदी के तट पर स्थित है वहाँ जरूर जाएं यह मंदिर वल्लभ सम्प्रदाय का सबसे प्राचीन मंदिर है
इस मंदिर में मदन मोहन और अष्टभुज गोपाल के विग्रह श्री विराजमान हैं बलराम या दाऊ जी का मंदिर मथुरा से 21 किलोमीटर की दूरी पर बलदेव में स्थित है मंदिर के चारों सर्प की कुंडली की तरह एक बाजार है मन्दिर के पीछे ही बलभद्र कुंड है इस कुंड को क्षीर सागर भी कहा जाता है यह मंदिर एक विशालकाय मंदिर है|

अगले भाग में हम बात करेगे मथुरा के बेस्ट फूड के बारे मे….

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