नमस्कार दोस्तो!
आइए हम यहां जानते हैं भारत के सबसे बड़े मेले के बारे मे जो हैं हरियाणा के फरीदाबाद जिले मे लगने वाला सूरजकुंड का मेला यह एक हस्तशिल्प मेला है l सूरज कुंड मेले का आयोजन प्रतिवर्ष भारत के हस्तशिल्पियों, बुनकरों, हाथकरघा जैसी संस्कृतिक धरोहरों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है|
इस मेले मे भारत के अलग– अलग राज्यों के बुनकर, शिल्पकार, कलाकार कार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों को बेचते हैं
मेले में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, संगीत, और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है। साथ ही, शिल्पकारों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पादों की खरीदारी भी की जा सकती है।

यदि आप सूरजकुंड मेले में जाने की योजना बना रहे हैं, तो मेले की तारीखों, समय, टिकट की कीमतों, और अन्य आवश्यक जानकारी हम आपको यहां देने जा रहे हैं|
ऐतिहासिक महत्व- सूरजकुंड मेले का आयोजन 35 वर्षों से भी अधिक समय से किया जा रहा है l10 वीं शताब्दी में तोमर राजा सूरजपाल के शासन काल में सूरज कुंड (सूरज का तालाब) का निर्माण कराया गया था l उन्होंने इस कुंड का निर्माण जल संचय के लिए करवाया था l इसी ऐतिहासिक पृष्टभूमि के कारण इस मेले का नाम सूरज कुंड प़डा |

सूरज कुंड मेले का समय- सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2025 का आयोजन 7 फरवरी से 23 फरवरी तक फरीदाबाद, हरियाणा में किया जाएगा |
मेले का समय आमतौर पर सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक होता है
टिकट से संबंधित जानकारी– मेले का समय आमतौर पर सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक होता है। टिकट की कीमतें सप्ताह के दिनों में ₹120 और सप्ताहांत में ₹180 हो सकती हैं, हालांकि ये कीमतें समय-समय पर बदलती रहती हैं। टिकट ऑनलाइन बुक की जा सकती है |
टिकट बुकिंग के लिए बुक माई शो जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा सकता है।

मेले में कैसे जाएं – यदि आप सूरज कुंड मेले में जाना चाहते हैं तो सबसे आसान साधन मेट्रो है l सूरजकुंड मेले का निकटतम मेट्रो स्टेशन बदरपुर (violet लाइन) है l यहां पहुंचकर आप कैब या ऑटो लेकर इस मेले में जा सकते है यहां से सूरज कुंड मेले की दूरी 6 किलोमीटर है l दिल्ली, गुड़गांव ,हरियाणा से आप रोडवेज और डी टी सी बस से भी सूरज कुंड मेले में जा सकते हैं |
मेला सुबह के 10 बजे से शाम 7 बजे तक रहता है वीकेंड में अधिक भीड़ होती है इसलिए आप सप्ताह के दिनों में जानें का प्रयास करें मेला परिसर काफी बड़ा है lआप आरामदायक कपड़े और जूते पहनकर जायें साथ में पानी की एक बोतल जरूर साथ रखें और अपनी जरूरत के अनुसार पैसे भी साथ रखें|
मेले में ख़र्चे-
1-यात्रा खर्च-
यदि आप दिल्ली या आसपास के क्षेत्रों से जा रहे हैं:
मेट्रो से: बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन सबसे निकट है। मेट्रो का किराया ₹50-₹100 (आने-जाने का) हो सकता है।
बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन से मेला स्थल तक ऑटो/कैब का किराया ₹50-₹200 होगा।
प्राइवेट वाहन से: फ्यूल और पार्किंग का खर्चा ₹300-₹500 तक हो सकता है।
2- खाने-पीने का खर्च
मेले में विभिन्न प्रकार के खाने-पीने के स्टॉल होते हैं।
स्नैक्स और लंच का खर्च: ₹200-₹500 प्रति व्यक्ति

3- खरीदारी
मेले में हस्तशिल्प, कपड़े, सजावटी सामान और अन्य चीज़ें उपलब्ध होती हैं।
खरीदारी का खर्च आपकी पसंद पर निर्भर करता है।
सामान्य खर्च: ₹500-₹5000 (या उससे अधिक)

4-कुल खर्च (अनुमानित)
एक व्यक्ति के लिए: ₹1000-₹2000
दो लोगों के लिए: ₹2000-₹4000
यदि आप खरीदारी अधिक करते हैं या दूर से यात्रा करते हैं, तो खर्च बढ़ सकता है।
आपको बजट के हिसाब से योजना बनानी चाहिए तभी आप मेले का आनंद ले सकते हैं |

मेले की खासियत – मेले में देश-विदेश के कलाकार अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें कपड़े, हस्तनिर्मित पेंटिंग्स, आभूषण, खिलौने, घरेलू सामान और अन्य उत्कृष्ट रचनाएँ शामिल होंगी। साथ ही, विभिन्न प्रकार के भोजन के विकल्प भी उपलब्ध होंगे।
सूरजकुंड मेला भारतीय सभ्यता, हथकरघा, हस्तशिल्प और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला एक प्रमुख आयोजन है, जिसमें विभिन्न शिल्प की विरासत को प्रस्तुत किया जाता है
मेले के दौरान, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जाती हैं, जो इसे एक समृद्धि अनुभव बनती हैं|