अमरकंटक मध्यप्रदेश– भारत में मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों में अमरकंटक बहुत ही सुन्दर मनोरम प्राकृतिक स्थल है जो अनूपपुर जिले में है यहाँ विंध्य और सतपुड़ा पर्वत माला मिलती हैं यहीं से नर्मदा, सोन,और जोगिया नदियां निकटतम निकलती हैं
धार्मिक महत्व– अमरकंटक नर्मदा नदी का उद्गम स्थान है जो हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है अमरकंटक को साधु संतों की नगरी कहा जाता है
पौराणिक मान्यताएं- माना जाता है कि माता सती के मृत शरीर के लेकर भगवान शिव तांडव कर रहे थे तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के देह के 51 ,टुकड़े किए उनमें से 2 अंग इसी sthan पर गिरे थे
इसीलिए यहां माता के दो शक्ति पीठ हैं उनमें से एक स्थान सोन मूढ़ सोन नदी पर और दूसरा नर्मदा नदी के उद्गम पर है जो पार्वती जी का मंदिर है
इसके अलावा यह भी मान्यता है कि भगवानों शिव यहां शिवलिंग के रुप मे प्रकट हुए थे यहां भगवानों शिव काल माधव और माता सती को असित नंद के नाम से जाना जाता है
यहां माँ नर्मदा को समर्पित बारह मंदिर हैं जिसमें से नर्मदा मंदिर सबसे महत्त्वपूर्ण है
महत्त्वपूर्ण दर्शनीय स्थल- यहां कई दर्शनीय और प्राकृतिक स्थल हैं जो इस प्रकार हैं
1: नर्मदा कुंड नर्मदा मंदिर- नर्मदा कुंड से ही नर्मदा नदी का उद्गम होताहै यहां 16 प्राचीन मंदिर हैं जिसमें शिव मंदिर राधा कृष्ण मंदिर शामिल हैं यह स्थान यात्रियों को बहुत ही सुकून और आनंद प्रदान कराता है
2: दूध धारा जलप्रपात – दूध धारा एक सुन्दर झरना है जिसका रंग दूधिया है इसलिए इसे दूध धारा कहा जाता है यह बहुत ही आश्चर्य जनक जगह है इसकी प्राकृतिक सुन्दर अपने आप मे ही बहुत अनोखी है|

3: सोन मूढ़- यह अमरकंटक की सबसे ऊंची चोटी है जहां से अमरकंटक और उसके आसपास के सुन्दर दृश्यों को देखा जा सकता है यहां के लोगों का कहना है कि सोन नदी में सोने की रेखाएं पाई जाती हैं इस नदी में अधिक मात्रा में सोना पाया जाता है इसलिए इसका नाम सोन मुग्धा है यह सोन नदी का स्त्रोत है
4: कलचुरी काल मंदिर– यह अमरकंटक में बहुत ही प्राचीन मंदिर है जहां भगवान शिव के कई शिवलिंग हैं जैसे macchendranath, pataleshwar और कैलाश नारायण हैं
5: माँ की बगिया – यहां नर्मदा देवी का मंदिर है और यह एक पुराना बगीचा है यहां चारों ओर हरियाली है आपको यहां कई औषधीय पौधे भी देखने को मिलेंगे यहां से लोग पौधों को खरीदकर भी ले जाते हैं
6: कपिल धारा- कपिल धारा वह स्थान है जहां ऐसी मान्यता है कि कपिल मुनि ने यहां तपस्या की थी यह नर्मदा नदी पर एक सुन्दर झरना है

7: कबीर चबूतरा – कबीर चबूतरा में संत कबीर ने ज्ञान प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त किया था यह बहुत ही पवित्र स्थान है यहां कबीर जी की जूतियां रखी हुई हैं इसी के पास ही कबीर जल प्रपात भी है
8: भृगु कमंडल -यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि ऋषि भृगु मॉनसून के समय एक छोटी सी गुफा में रहते थे यह बहुत ही सुन्दर और मनोरम स्थान है
9: मृत्युंजय आश्रम– अमरकंटक में इस आश्रम का वातावरण बहुत ही शांत और मनमोहक है यहां आपको बहुत ही शांति और सुकून का अनुभव होगा
10: सोनाक्षी शक्ति पीठ मंदिर – यह मंदिर अमरकंटक का का बहुत ही महत्पूर्ण मंदिर है नवरात्रि के समय हज़ारों की संख्या मे लोग इस मंदिर में माता के मंदिर में आते है यहां के लोगों का कहना है नवरात्रों में माँ स्वयं आकर लोगो को आशीर्वाद देती है
11: त्रिमुखी मंदिर– त्रिमुखी मंदिर भगवान शिव के मंदिरों में सबसे पुराना मंदिर है इसका दूसरा नाम ‘कर्ण मंडी’ है यहाँ मंदिर के शीर्ष में भगवान शिव का चेहरा बना हुआ है

12:सर्वोदय जैन मंदिर-अमरकंटक का सर्वोदय जैन मंदिर में पहले तीर्थंकर 1008 भगवान श्री आदि नाथ की की अद्भुत, विशाल,24 टन अष्टधातु की प्रतिमा 28 टन के अष्टधातु के कमल के ऊपर विराजित है जिसका कुल वजन 52 टन है यह प्रतिमा 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनि राज तथा ससंघ 44 शिष्य मुनि गणों के सानिध्य में गुरुवार 6 नवंबर 2006 को शुभ मुहूर्त में विराजित की गई थी l

इस मंदिर के निर्माण मे लोहा और सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया इस अनोखे मंदिर का निर्माण करने मे गुड़, चूना, और राजस्थान के पत्थर का उपयोग किया गया
अमरकंटक जाने का सही समय– अमरकंटक जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी का माना जाता है इस समय मौसम सुहावना होता है ना तो ज्यादा ठण्डी होती है ना गर्मी आप यहां सड़क मार्ग, रेल मार्ग या हवाई मार्ग से जा सकते हैं
सड़क मार्ग- अमर जाने के लिए आपको जबलपुर या रीवा से डायरेक्ट बस मिल जाएगी जो आपको सीधा अमरकंटक तक ले जाएगी जबलपुर से कैब और टैक्सी लेकर भी अमरकंटक जाया जा सकता है
हवाई मार्ग-अमरकंटक के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जबलपुर है दिल्ली मुंबई जैसे बड़े शहरों से नियमित उड़ाने जबलपुर के लिए होती है
रेल मार्ग-अमरकंटक जाने के सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन पंडरा रोड है ये छत्तीसगढ़ में है इसकी दूरी अमरकंटक से 42 किलोमीटर है
अमरकंटक में खाने और रहने के स्थान-
यहां रुकने के लिए बजट में होटल ,रesort और होमस्टे मिल जाएंगी इसके अलावा अमरकंटक में कई धर्मशालाएं भी हैं जहां सस्ते में रुका जा सकता है
खाने-पीने के लिए अमरकंटक में कई होटल रेस्टोरेंट और होटल mil जाएंगे जहां आप खाना खा सकते हैं
सुझाव– जब भी अमरकंटक की यात्रा की योजना बनाएं होटल की बुकिंग ऑनलाइन कर लें अपना बजट पहले से बना लें
इसके अलावा आप वहाँ के स्थानीय लोगों से जानकारी लेकर वहाँ खाने-पीने की जगह के बारे में जानकारी ले सकते हैं